इस ऐस्टरॉइड का नाम 2021 PH27 है और यह पृथ्वी के मात्र 113 दिन में सूरज का एक चक्कर लगा लेता है।
बुध ग्रह को सूरज का चक्कर लगाने में पृथ्वी के 88 दिन के बराबर समय लगता है। हालांकि ऐस्टरॉइड 2021 PH27 इस तरीके के परिक्रमा पथ का पालन करता है जिससे वह बुध ग्रह की तुलना में सूरज के ज्यादा करीब से गुजरता है। यह ऐस्टरॉइड करीब 1 किलोमीटर आकार का है। वैज्ञानिकों का कहना है कि आंतरिक सौर व्यवस्था में इतने बड़े आकार के बहुत कम ऐसे ऐस्टरॉइड हैं जो मौजूद हैं और उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
इस ऐस्टरॉइड का नाम 2021 PH27 है और यह पृथ्वी के मात्र 113 दिन में सूरज का एक चक्कर लगा लेता है।
ऐस्टरॉइड बुध या शुक्र या खुद सूरज से टकरा सकता है
वैज्ञानिकों के मुताबिक जब यह ऐस्टरॉइड सूरज के करीब पहुंचता है तो उसकी सतह का तापमान 500 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इतने तापमान में तो शीशा भी पिघल जाता है। उन्होंने कहा कि इतने तापमान से गुजरने वाला यह ऐस्टरॉइड संभवत: लोहे जैसी धातुओं से बना होगा। यही नहीं इसका परिक्रमा पथ भी अस्थिर है और यह बुध तथा शुक्र ग्रह को पार करता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह ऐस्टरॉइड बुध या शुक्र ग्रह या खुद सूरज से ही टकरा सकता है।
इस ऐस्टरॉइड को सबसे पहले 13 अगस्त को खगोलविदों ने डॉर्क एनर्जी कैमरे की मदद से खोजा था। इस कैमरे को चिली में बनाए गए टेलिस्कोप में लगाया गया है। विशेषज्ञों का यह दल कई दिनों तक ऐस्टरॉइड के परिक्रमा पथ का पता लगाने में व्यवस्त रहा। इसके बाद कई अन्य देशों में लगाए गए टेलिस्कोप की मदद से इस सबसे तेज चक्कर लगाने वाले ऐस्टरॉइड के बारे में सटीक जानकारी सामने आई।