भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा बरसाने वाले हरतालिका तीज व्रत की पूजा प्रदोष काल में अत्यधिक शुभ एवं फलदायी मानी गई है. ऐसे में इस दिन स्नान करने के बाद चौकी पर एक स्वच्छ लाल रंग का कपड़ा बिछाकर माता पार्वती और महादेव की मिट्टी की प्रतिमा को केले के पत्ते पर रखें. इसके बाद एक कलश के ऊपर नारियल रखकर सबसे पहले उसकी पूजा करें. इसके बाद माता भगवान शिव और माता गौरी कुमकुम, अक्षत, चावल, पुष्प, फल, मिष्ठान आदि चढ़ाकर विधिवत पूजन करें. पूजा के दौरान मां पार्वती को श्रृंगार की सभी चीजें चढ़ाएं और हरतालिका व्रत की कथा पढ़ें या फिर सुनें. पूजा के अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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