ट्रिपल आईटी एनआर ने बैच 2022 के लिए दर्पण कार्यशाला आयोजित किया
हर साल ट्रिपल आईटी-नया रायपुर अपने प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए "दर्पण" आयोजित करता है। दर्पण एक करियर गाइडेंस वर्कशॉप है जो प्रथम वर्ष के छात्रों को उनकी ताकत और रुचियों की पहचान करने और उनकी क्षमता के अनुसार अवसरों का पीछा करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। पिछले वर्ष संस्थान में शामिल हुए छात्रों (बैच 2022) के लिए 13 मई, 2023 को कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, 27 मई, 2023 को डाटा साइंस एंड आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के लिए और 03 जून, 2023 को इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के लिए कार्यशाला आयोजित की गई । कार्यशाला के दौरान, छात्र अपने स्वयं के स्ट्रेंथ, वीकनेसेस, ओप्पोरचुनिटीज़ और थ्रेट्स (एस. डब्ल्यू. ओ. टी.) विश्लेषण को पूरा करके अपने लॉन्ग-टर्म और शार्ट-टर्म लक्ष्यों की दृढ़ समझ विकसित करते हैं। प्रत्येक छात्र को आत्मनिरीक्षण करने और अपनी ताकत, कमजोरियों, अवसरों और खतरों को पहचानने और सूचीबद्ध करने के लिए निर्देशित किया जाता है। इस विश्लेषण के आधार पर, प्रत्येक छात्र एक प्रेजेंटेशन तैयार करता है और भाग लेने वाले सदस्यों के सामने प्रस्तुत करता है।
दर्पण ट्रिपल आईटी एनआर की एक अनूठी पहल है, जो इनके बी. टेक. छात्रों को अपने पहले वर्ष में अपने पेशेवर करियर की सही योजना बनाने और फिर अगले तीन वर्षों के लिए अपनी योजनाओं पर काम करने में सक्षम बनाती है। कार्यशाला छात्रों को उनकी प्रेजेंटेशन, सार्वजनिक बोलने और सॉफ्ट स्किल्स को तेज करने में भी मदद करती है। छात्रों को बाद में इस कार्यशाला के माध्यम से पहचाने गए लक्ष्यों की दिशा में काम करने की सुविधा के लिए, ट्रिपल आईटी एनआर ने ‘सेंटर फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट’ स्थापित किया है, जो छात्रों को इस दिशा में संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करता है। अपने सभी छात्रों को अत्याधुनिक तकनीकी ज्ञान और कौशल प्रदान करने के अलावा उनका समग्र विकास करना शुरू से ही ट्रिपल आईटी एनआर का फोकस रहा है। और यह कार्यशाला इस उद्देश्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
ट्रिपल आईटी एनआर के निदेशक डॉ. प्रदीप के. सिन्हा का दृढ़ विश्वास है कि छात्रों द्वारा पेशेवर संस्थानों में बिताए गए चार साल उनके जीवन का सबसे मूल्यवान हिस्सा होता है और इसलिए उन्हें संस्थान में रहने के दौरान सही दिशा में निर्देशित किया जाना चाहिए। इसलिए वे व्यक्तिगत रूप से कार्यशाला के दौरान छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं। भाग लेने वाले छात्रों ने व्यक्त किया कि उन्होंने कार्यशाला को बहुत सहायक और उपयोगी पाया। अंकितन कुमार ने कहा “दर्पण कार्यशाला एक अविश्वसनीय रूप से व्यावहारिक अनुभव था। इसने आत्म-चिंतन के लिए एक सहायक वातावरण प्रदान किया, जिससे मुझे अपनी कमजोरियों को दूर करते हुए अपनी ताकत को पहचानने और उसका लाभ उठाने में मदद मिली। अवसरों की खोज करना और संभावित खतरों को समझना मुझे सूचित निर्णय लेने और सार्थक लक्ष्य निर्धारित करने के लिए सशक्त बनता है। कुल मिलाकर, कार्यशाला ने मेरी ताकत, कमजोरियों, अवसरों और खतरों के विश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो मेरे व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए फायदेमंद है।“ अनुष्का कौल ने कहा, “जिंदगी खुद को बेहतर बनाने के बारे में है। इस कार्यशाला ने मुझे यह समझने में मदद की”।
डॉ. स्रेषा यादव नी घोष, असिस्टेंट प्रोफेसर, मानविकी और सामाजिक विज्ञान, तथा सेंटर फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट की प्रभारी, इस कार्यशाला की समग्र समन्वयक थीं। तनु पटेल, निधि वैष्णव और जयदीप सिंह कार्यशाला के छात्र समन्वयक थे।