श्री गणेश के 12 चमत्कारी नाम-
हिन्दू धर्म के 5 प्रमुख देवों में श्री गणेश जी का नाम शामिल है। अत: किसी भी चतुर्थी पर यानी विनायक चतुर्थी हो या संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश आराधना का विशेष महत्व माना गया है। इतना ही नहीं बुधवार और खास कर गुरुवार के दिन श्रीगणेश की आराधना का विशेष फल मिलता है। पौराणिक शास्त्रों में गणेश जी के 12 प्रसिद्ध नाम बताए गए हैं जिनका सुमिरन करने से हर बाधा व संकट का अंत होता है।
हर दिन इन नामों का स्मरण करने वाले व्यक्ति के जीवन में परेशानियां नहीं आती है। अगर रोज ये नाम नहीं भी पढ़ पा रहे हैं तो खास तौर पर गणेश चतुर्थी और बुधवार के दिन इन नामों का स्मरण अवश्य किया जाना चाहिए :-
देवताओं में प्रथम पूज्य गणेश को एकदंत रूप आदिशक्ति पार्वती, आदिश्वर भोलेनाथ और जगतपालक श्रीहरि विष्णु की सामूहिक कृपा से प्राप्त हुआ
आइए हम भी जानें और जपें श्री गणेश के 12 चमत्कारी नाम-
1. सुमुख,
2. एकदंत,
3. कपिल
4. गजकर्ण,
5. लंबोदर,
6. विकट,
7. विघ्नविनाशक,
8. विनायक,
9. धूम्रकेतु,
10. गणाध्यक्ष,
11. भालचन्द्र,
12. गजानन।
गणेश जी को विघ्नहर्ता व ऋद्धि -सिद्धि का स्वामी कहा जाता है।
इनके स्मरण, ध्यान, जप, आराधना से कामनाओ की पूर्ति होती है
गणेश जी पूजा से विघ्नों का विनाश होता है।
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले हमेशा श्रीगणेश की पूजा की जाती है। पंडित किसी भी काम का शुभारंभ करते वक्त सबसे पहले श्रीगणेशाय नम: लिखते हैं। गणेश जी को विघ्नहर्ता व ऋद्धि -सिद्धि का स्वामी कहा जाता है। इनके स्मरण, ध्यान, जप, आराधना से कामनाओ की पूर्ति होती है व विघ्नों का विनाश होता है। इसके अलावा यह रिवाज भी है कि सभी देवी-देवताओं से पहले श्री गणेश की पूजा की जाती है। यानी हर अच्छे काम की शुरूआत भगवान गणेश का नाम लेकर ही की जाती है। सबसे पहले गणपति की वंदना, पूजन-अर्जन करना जरूरी होती है। ऐसा क्यों होता है इसका जवाब बहुत कम ही लोग जानते हैं।
प्रचलित कथा
एक प्रचलित कथा के मुताबिक, सभी देवताओं में एक बार इस बात को लेकर विवाद हुआ कि सबसे पहले किस भगवान की पूजा की जानी चाहिए। सभी देवताओं के अपने महत्व और कार्य हैं। सभी भगवानों के बीच चर्चा हुई और हर कोई खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने लगे। तभी नारद मुनी प्रकट हुए और उन्होंने देवताओं को भगवान शिव के पास जाने के लिए कहा। सभी की बात सुनकर शिवजी ने कहा जो भी देवता इस पूरे ब्रह्माण्ड का चक्कर लगाकर सबसे पहले आएगा वही सर्वप्रथम पूजनीय माना जाएगा