धार्मिक

नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से पहले हम मन में संकल्प लेते हैं
  • October 10, 2021
शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से पहले हम मन में संकल्प लेते हैं और मां देवी से प्रार्थना करते हैं कि हमारी मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाएं। अखंड दीपक को कभी भी जमीन पर न रखें। दीपक को चौकी या पटरे में रखकर ही जलाएं। दुर्गा मां के सामने यदि आप जमीन पर दीपक रख रहे हैं तो अष्टदल बनाकर रखें।

अखंड ज्योति की बाती का विशेष महत्व है। यह बाती रक्षासूत्र यानि कलावा से बनाई जाती है। सवा हाथ का रक्षासूत्र लेकर उसे बाती की तरह दीपक के बीचोंबीच रखें।

सबसे पहले एक चौकी लें। उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें। इसके बाद माता की तस्वीर रखें। फिर लाल में रंग में रंगे हुए चावल लें। इसके बाद उस चावल से आठ पंखुड़ी वाला अष्टदल कमल बना लें। इसके बाद अष्टदल कमल पर अखंड ज्योति को रख दें।

माता के दाहिनी तरफ घी का दीपक जलाना चाहिए जबकि तेल का दीपक माता के बायीं तरफ प्रज्जवलित करना चाहिए। ज्योति का प्रतिदिन पूजन करना चाहिए, क्योंकि ज्योति भगवती का स्वरुप है। ज्योत को पुष्प अर्पित करना चाहिए और माता को प्रणाम करना चाहिए।

ईशान कोण यानि उत्तर पूर्व दिशा को देवी-देवताओं का स्थान माना गया है। इसलिए अखंड ज्योति पूर्व- दक्षिण कोण यानि आग्नेय कोण में रखना शुभ माना जाता है। ध्यान रखें कि पूजा के समय ज्योति का मुख पूर्व या फिर उत्तर दिशा में होना चाहिए। इस बात का जरूर ध्यान दें कि कभी भी अशुद्ध अवस्था में दीपक को स्पर्श नहीं करना चाहिए।

अखंड ज्योत जलाने से पहले हाथ जोड़कर श्रीगणेश, देवी दुर्गा और शिवजी की आराधना करें। दीपक प्रज्जवलित करते वक्त मन में मनोकामना सोच लें और मां से प्रार्थना करें कि पूजा की समाप्ति के साथ आपकी मनोकामना भी पूर्ण हो जाए।

Contact No.

+91-9770185214

Email

cleanarticle@gmail.com

Location

Prem Nagar Indra Bhata, H.no-509, Vidhan Sabha Road, Near Mowa Over Bridge, Raipur, Chattisgarh - 492007