राज्य

मैनपाट, लुंड्रा और सीतापुर में बुने कालीन देश की प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी को भेजा गया है
  • May 12, 2022
  • भदोही से बटवाही पहुंची कालीन बनाने की कला
  • गौठान में महिलाएं बुन रही आकर्षक डिजाईन के कालीन
  • मुख्यमंत्री ने कालीन बना रहीं महिलाओं से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया
  • कहा- बहुत सुंदर डिजाईन के कालीन बने हे

 गलीचे (कालीन) के लिए प्रसिद्ध उत्तरप्रदेश के भदोही की तरह अब सरगुजा जिले के बटवाही गौठान में भी महिलाएं कालीन तैयार कर रही है। महिलाओं को छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा कालीन बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है और अब वो अलग-अलग साईज और डिज़ाइन की आकर्षक कालीन अपने हाथों से तैयार कर रही है। 
भेंट-मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लुंड्रा विधानसभा के बटवाही गौठान में जब इन महिलाओं से मिले तो कालीन की डिज़ाइन देखकर उनकी प्रशंसा किये बिना रह नहीं पाए। मुख्यमंत्री ने कालीन बुनाई करने वाली महिलाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि बहुत सुन्दर कालीन आपमन बनावत हव।  

गौरतलब है कि इन महिलाओं को हस्तशिल्प विकास बोर्ड के माध्यम से प्रशिक्षण मिला है और बोर्ड द्वारा ही उन्हें कच्चा माल उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने लूम में बैठकर महिलाओं के साथ फ़ोटो खिंचवाई और महिलाओं का हौसला बढ़ाया। मुख्यमंत्री श्री बघेल को महिलाओं ने बताया कि सरगुजा जिले के मैनपाट, लुंड्रा और सीतापुर में महिला समूह द्वारा तैयार 70 नग कालीन देश की प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी को भेजा गया है। सरगुजा के आसपास के इन क्षेत्रों में कालीन उद्योग में असीम संभावनाएं है क्योंकि यहाँ जनजाति परिवारों का इस पेशे से भावनात्मक जुड़ाव है। 

दरअसल मैनपाट में आये तिब्बती शरणार्थी द्वारा सबसे पहले कालीन बनाने का काम शुरू किया गया था। मैनपाट, सीतापुर और लुंड्रा सहित आसपास के इलाकों में रहने वाले आदिवासी लोगों ने तिब्बती शरणार्थियों से कालीन बुनने का काम सीखा है। बाद में जब कालीन का काम कम होने लगा तो यहां के लोग कालीन बुनकरी काम के लिए भदोही जाने लगे, लेकिन अब छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के सहयोग से यहां कालीन बुनाई का काम फिर से पुनर्जीवित हो गया है, जिसके चलते स्थानीय कालीन बुनकरों को अब भदोही जाने की जरूरत नहीं है। 

प्रशिक्षित महिलाओं को अब स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने लगा है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इस क्षेत्र में कालीन बुनाई को विस्तारित करने की योजना कर तेजी से काम किया जा रहा है। महिलाओं को घरों में लूम लगाकर दिया जाएगा जिससे वह अपने घरेलू काम-काज निपटाने के बाद खाली समय में कालीन बुनाई कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सके। फिलहाल महिलाएं कालीन बुनाई से प्रतिदिन लगभग 250 रुपये की आय कर रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कालीन बुनाई में उपयोग आने वाला ऊन का गोला बनाने वाली महिलाओं से मुलाकात की और उनके काम के बारे भी जाना। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री बघेल को गौठान प्रबंधन समिति द्वारा उपहार स्वरूप कालीन भेंट किया गया।

Contact No.

+91-9770185214

Email

cleanarticle@gmail.com

Location

Prem Nagar Indra Bhata, H.no-509, Vidhan Sabha Road, Near Mowa Over Bridge, Raipur, Chattisgarh - 492007