जन्माष्टमी 2022 का महत्वधार्मिक मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन व्रत करने और भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से वे भक्तों की सभी मुरादें पूरी करते हैं. उनकी कृपा से निसंतान दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है. भक्तों के हर काम सफल होते है. घर परिवार में सुख समृद्धि आती है.श्रीकृष्ण की जन्म कुंडली में था ये खास योगमाना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि को हुआ था, उस समय रात्रि के 12 बज रहे थे. भगवान श्रीकृष्ण की कुंडली वृषभ लग्न की है, लग्न में उच्च का चंद्रमा था. ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को 16 कलाओं का स्वामी माना गया है. चंद्रमा की उच्च स्थिति के कारण ही भगवान श्रीकृष्ण 16 कलाओं के माहिर थे.
जन्माष्टमी के 4 अचूक उपाय
जन्माष्टमी पर रात में 12 बजे शंख में दूध, दही, घी, शहद, डालकर कान्हा का अभिषेक करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है.
जन्माष्टमी पर जरुरतमंदों को अनाज और फल दान करना शुभ माना जाता है. इससे वास्तु दोष दूर होते हैं.
कान्हा के जन्म पर उन्हें मोरपंख जरूर अर्पित करें. कहते हैं कि मोरपंख राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है. घर में गोपाला की पूजा में मोरपंख का प्रयोग करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. रिश्तों में मिठास बनी रहती है.
इस दिन गिरधर गोपाल के साथ गाय-बछड़े की प्रतिमा की भी पूजा करें. मान्यता है इससे संतान सुख प्राप्त होता है. गाय और कान्हा का गहरा संबंध है. श्रीकृष्ण की भक्ति तभी सफल होती है जब गौ माता की सेवा की जाए.जन्माष्टमी पर मोरपंख से ऐसे दूर करें वास्तु दोषवास्तु में मोर पंख को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. वास्तु के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी के दिन घर में मोर पंख लाने से ना सिर्फ सकारात्मक ऊर्जा आती है, बल्कि घर से वास्तु दोष भी खत्म होता है. घर में मोर पंख रखना बहुत शुभ माना जाता है. वास्तु के मुताबिक घर के मुख्य द्वार पर मोर पंख लगाने से उस घर को बुरी नजर नहीं लगती है. इसके प्रभाव से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है.
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