सफलता के मंत्र.
किसी इंसान के जीवन में आखिर किस्मत और कर्म का क्या रोल होता है. जीवन में मनचाही सफलता पाने के लिए आखिर हमें इसमें से क्या चुनना चाहिए,
जीवन में कई बार हम अपनी सफलता और असफलता के लिए भाग्य या फिर कहें किस्मत को बड़ा कारण बताते हैं. तमाम लोग मानते हैं कि इंसान को जो कुछ भी मिलता है, उसके पीछे किस्मत का बड़ा रोल होता है. वो चाहे तो किसी अयोग्य इंसान को जमीन से आसमान पर और योग्य इंसान को आसमान से जमीन पर लाकर कभी भी छोड़ सकती है, लेकिन क्या वाकई यह जीवन से जुड़ा सच है. आइए कामयाबी और नाकामयाबी के पीछे किस्मत और कर्म से जुड़े बड़े राज को विस्तार से जानने के लिए पढ़ते हैं सफलता के पांच मंत्र.
- किस्मत अतिथि की तरह होती है, जो अक्सर आती-जाती रहती है लेकिन मेहनत घर के सदस्य की तरह होती है जो एक बार साथ आने के बाद कभी भी आपसे अलग नहीं होता है, हमेशा साथ बना रहता है.
- यदि भाग्य ईश्वर के हाथों लिखा होता तो शायद सबसे अच्छा हमारा ही होता, लेकिन सच तो यह है कि किस्मत या फिर कहें भाग्य तो हमेशा हमारे स्वयं के कर्मों व संकल्प की शक्ति द्वारा लिखे जाते है.
- इंंसान को कभी भी किस्मत के भरोसे नहीं बैठना चाहिए क्योंकि उसके भरोसे बैठ जाने से किस्मत सोयी ही रहती है, जबकि हिम्मत के साथ आपके खड़े होने पर आपका भाग्य भी खड़ा हो उठता हैं.
- इंसान को किस्मत के दरवाज़े पर खड़े रहने से कोई लाभ नहीं मिलता है क्योंकि दरवाजे पर लगे किस्मत के ताले की चाबी तो हमेशा उसी के पास होती है. ऐसे में बेहतर है कि कर्म की चाभी से ताला खोलकर अपना भाग्य स्वयं प्राप्त करें.
- जो व्यक्ति समय से लड़कर अपनी किस्मत बदल देता है, जीवन में वही हमेशा सफल होता है.